Saturday, July 31, 2010

बदल जाना गुनाह तो नही

पता नही अच्छा हु या बुरा । पर बदल गया हु

देखती थी आखे हर तरफ कल . पर आज संभल गया हु .

कभी रो पड़ता था ज़माने के रुलाने से .

आज जमने को रुला दिया . तो बिगढ़ गया हु .

दिल मेरा , आरजू मेरी . हर तरफ अँधेरा मेरा .

न रब है , न खुदा , बस हर तरफ चेहरा तेरा .

गैरो से करते है शादी . अपना बनाने के लिए
अपनों से की शादी मैंने . तो बिगढ़ गया हु .

Friday, July 16, 2010

बहन कही दूर है

बहन कही दूर है आने को मजबूर है