काश उसने अपना कोई वादा निभाया तो होता
अपनी आखो को कभी रुलाया तो होता |
मिट जाते गिले शिकवे उनके भी हमारे दिल से
कभी अपना सिर इस कांधे पर झुकाया तो हॉट||
उनकी सासों में भी हमारी कुछ कशिश रही होगी
लबो पे नाम ना हो पर दिल में कोई दुआ तो होगी |
जमाने को छोड़ के मिलने आते उनसे
अपना सही पता तो हमसे बताया होता ||
मीलो तक चले साथ उनके पर कोई उनसे बात नही थी
जब जुदा हुए उनके दिल से आखो में ये कैसी नमी थी
कह दिया ज़िदगी का सफ़र अकेले चलना होगा
पहले अकेले चलना सिखाया तो होता ||
उनकी नजरो ने, हमारी नजरो का नज़रिया बदल दिया
उनके चेहरे ने , इस चाँद का तारा बना दिया |
अब पीते है इन आखो में कुछ नशा लाने के लिए
अपने आखो से इन आखो को कुछ पिलाया तो होता ||
अतुल शर्मा
main sach me bahut garv mahsus kar raha hu ....
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